हाथरस साइबर थाना पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा
करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है।
इस गिरोह ने फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर
लोगों को जॉइनिंग लेटर और आईडी कार्ड के जरिए
ठगने का जाल बिछाया था।
पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से
4 मोबाइल, 5 फर्जी आधार कार्ड, 9 सिम कार्ड और 14 हजार रुपये बरामद किए है
हाथरस के नगला भूरा निवासी अमित कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी
कि उन्होंने नौकरी के लिए APNA ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराया।
इसके बाद उनके पास आराध्या फाइनेंस कंपनी से फोन आया
और नौकरी का ऑफर दिया गया। कंपनी ने उन्हें जॉइनिंग लेटर और आईडी कार्ड भी भेजा।
कंपनी ने अमित को लोन दिलाने का काम सौंपा।
अमित ने अपने गांव के कई लोगों से लोन दिलाने के नाम पर फाइल चार्ज के लिए पैसे जमा करवाए।
लेकिन न किसी को लोन मिला और न ही जमा किए पैसे वापस हुए।
इसके बाद अमित को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
एएसपी अशोक कुमार ने बताया कि यह गिरोह फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर लोगों को फर्जी आईडी कार्ड और जॉइनिंग लेटर देता था। नौकरी पाने वाले व्यक्ति को अन्य लोगों से संपर्क कर लोन स्वीकृत कराने का लालच दिया जाता था। लोन प्रोसेसिंग और फाइल चार्ज के नाम पर फर्जी खातों में पैसे जमा कराए जाते थे। गिरोह फर्जी आधार कार्ड के जरिए सिम कार्ड निकालकर इनका इस्तेमाल करता था। आरोपी नरेंद्र कुमार, निवासी सिंधावली, मेरठ और रामकुमार, निवासी बलरई सालादी नगला, इटावा (वर्तमान में करावल नगर, दिल्ली) हैं।
गिरोह का कॉल सेंटर नदीम नाम का व्यक्ति चला रहा था, जो मेरठ का रहने वाला है। पुलिस गिरोह के बाकी सदस्यों और मुखिया की तलाश में जुटी है। गिरोह का सरगना कॉल सेंटर से लोगों को फोन करता था। वे लोन दिलाने के झांसे में उन्हें फर्जी दस्तावेज देकर नौकरी पर रखते थे। फिर इनसे अन्य लोगों को फंसवाते और ऑनलाइन पैसे मंगवाते थे।
आमजन को सतर्क रहने की अपील पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी फर्जी कंपनी के जाल में न फंसें। नौकरी या लोन के नाम पर पैसे मांगने वाले कॉल्स से सतर्क रहें और कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। फर्जीवाड़े के इस बड़े नेटवर्क को उजागर करने में पुलिस को सफलता मिली है। गिरोह के अन्य सदस्यों और सरगना की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है।