हाथरस 15 जुलाई | नगर वासियों को जल्दी ही बंदरों से निजात मिल सकती है, समाजसेवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए बंदरों को पकड़ने का आदेश स्थाई लोक अदालत में दिया है। बंदरों का आतंक पूरे नगर में इस कदर है कि लोग अपने घरों पर भी खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं । लगभग हर चुनाव में बंदरों से निजात दिलाने का मुद्दा जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाया जाता है, लेकिन कई साल बीतने के बाद भी नगर को बंदरों से अभी तक निजात नहीं मिल पाई है। नगर के गली, मोहल्ले, चौराहे व सार्वजनिक स्थलों पर आम लोगों से ज्यादा संख्या में बंदर साफ देखे जा सकते हैं।उल्लेखनीय है कि शहर में बंदरों का जबर्दस्त आतंक है। इस वजह से लोगों ने अपने घरों में जाल लगवा लिए हैं। साथ ही काफी लोगों ने करंट वाली झटका मशीन भी लगवा ली है। देर शाम या सुबह की बात की जाए तो सैंकड़ों की संख्या में बंदर की टोली दिखती है । बंदरों से घायल होने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। हर साल हजारों की संख्या में लोग बंदरों का शिकार हो रहे हैं, ये तो वह आंकड़ा है जो जिला अस्पताल के माध्यम से मिला है । साधन संपन्न लोग आज भी निजी अस्पतालों में इसका इलाज कराते हैं। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष शंकरलाल, सदस्य हेमंत राज सिंह एवं मनीष कौशिक ने समाजसेवी मधु शंकर अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए बंदरों को पकड़ने का आदेश दिया है। याचिका में जिलाधिकारी, प्रमुख वन्य जीव रक्षक लखनऊ, प्रभारी वनाधिकारी हाथरस, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका हाथरस को पक्षकार बनाया था । नगरपालिका की सीमा के अंतर्गत बंदरों का उत्पात होने के संबंध में प्रस्तुत की गई थी, स्थाई लोक अदालत की पीठ में सहमति के आधार पर याचिका पर आदेश दिया है कि अधिशासी अधिकारी नगर पालिका बंदरों को पकड़वा के समय सुरक्षित व संरक्षित स्थान पर छोड़ते समय स्वयं या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे । बंदरों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखेंगे, बंदरों को
रहेंगे । बंदरों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखेंगे, बंदरों को किसी प्रकार की शारीरिक क्षति ना होने पाए आदि का ध्यान रखेंगे ।
हाथरस वासियों को मिलेगी बंदरों से निजात, बंदरों को पकड़वाने का आदेश
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